CCI के साथ लड़ाई में Google को झटका! NCLAT ने कहा- पहले जुर्माना भरो, मामले पर ठीक से सुनवाई करेंगे
गूगल को बाजार प्रतिस्पर्धा को प्रभावित करने के मामले में भारत सहित दुनिया के कई देशों के कानून का सामना करना पड़ रहा है. पहले यूरोपीय संघ ने उस पर हजारों करोड़ रुपये का जुर्माना ठोका और अब भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने सैकड़ों करोड़ का जुर्माना लगाया है. फिलहाल गूगल ने सीसीआई के फैसले को एनसीएलएटी में चैलेंज किया है और कहा है कि यह यूरोपीय संघ से कॉपी किया गया है, जबकि भारतीय कानून के तहत यहां लागू नहीं होता है.
सीसीआई ने इस मामले गूगल पर 16.1 करोड़ डॉलर (करीब 1,320 करोड़ रुपये) का जुर्माना ठोका था.
गूगल ने बताया है कि सीसीआई ने भी अपने आदेश में यूरोपीय संघ के फैसले को ही कॉपी किया है.
फिलहाल गूगल ने एनसीएलएटी से सीसीआई के आदेश को रद्द करने की अपील की है.
टेक कंपनी गूगल (Google) और भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) के बीच नए मोड़ पर जा पहुंचा है. सीसीआई के आदेश को चैलेंज करने राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (NCLAT) पहुंची गूगल को झटका लगा है. ट्रिब्यूनल ने कंपनी से पहले जुर्माना भरने फिर सुनवाई पर आगे बढ़ने की बात कही है. गूगल ने ट्रिब्यूनल को बताया था कि सीसीआई का आदेश यूरोपीय संघ के आदेश की पूरी कॉपी है और यह भारतीय नियमों के तहत लागू नहीं होती है.
मामले पर सुनवाई के दौरान NCLAT की दो सदस्यीय बेंच ने कहा कि इसे विस्तार रूप में सुना जाना चाहिए. यह मामला पेंचीदा है और दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद ही फैसला दिया जा सकता है. फिलहाल गूगल सीसीआई के जुर्माने की 10 फीसदी राशि चुकाकर उसके निर्देशों का पालन करे. इसके साथ ट्रिब्यनूल ने सीसीआई को भी नोटिस जारी किया है और मामले की अगली सुनवाई 13 फरवरी को रखी है.
क्या है सीसीआई का आदेश
सीसीआई ने ऑनलाइन सर्च और एंड्रॉयड ऐप स्टोर के जरिये बाजार प्रतिस्पर्धा को प्रभावित करने का आरोप लगाते हुए गूगल पर पिछले अक्टूबर में भारी-भरकम जुर्माना ठोका था. गूगल ने इस फैसले को चैलेंज किया और मामला ट्रिब्यूनल में पहुंच गया. सीसीआई ने अपने आदेश में कहा था कि गूगल स्मार्टफोन मेकर्स के लिए प्री-इंस्टालिंक ऐप से जुड़े प्रतिबंधों में बदलाव करे. सीसीआई ने इस मामले गूगल पर 16.1 करोड़ डॉलर (करीब 1,320 करोड़ रुपये) का जुर्माना ठोका था.
गूगल ने क्यों किया चैलेंज
सूत्रों का कहना है कि गूगल को सीसीआई के फैसले से इसलिए चिंता हुई, क्योंकि यह फैसला यूरोपीय कमीशन के साल 2018 में आए आदेश से काफी कुछ मिलाजुला है. यूरोपीय आयोग ने भी एंड्रॉयड मोबाइल डिवाइस मेकर्स पर गैरकानूनी रूप से प्रतिबंध लगाने को लेकर 4.3 अरब डॉलर (करीब 35 हजार करोड़ रुपये) का जुर्माना ठोका था, जिसे गूगल ने चैलेंस किया है.
अब गूगल ने एनसीएलएटी को बताया है कि सीसीआई ने भी अपने आदेश में यूरोपीय संघ के फैसले को ही कॉपी किया है. गूगल का यह भी कहना है कि भारतीय नियमों के तहत इस तरह का आदेश नहीं दिया जा सकता है. गूगल ने ट्रिब्यूनल को दी अपनी दलील में कहा है कि सीसीआई के 50 से ज्यादा तर्क पूरी तरह कॉपी पेस्ट हैं और कुछ मामलों में तो शब्दश: बात रखी है. गूगल ने साफ आरोप लगाया है कि आयोग संतुलित और कानून सम्मत जांच करने में फेल रहा है. गूगल का मोबाइल ऐप डिस्ट्रीब्यूशन बेहद प्रतिस्पर्धात्मक और बाजार नियमों के तहत है. फिलहाल गूगल ने एनसीएलएटी से सीसीआई के आदेश को रद्द करने की अपील की है.
गूगल पर दुनियाभर में लगे आरोप
ऐसा नहीं है कि गूगल पर सिर्फ इंडियन वॉचडॉग की नजर है. इस टेक कंपनी को दुनियाभर में एंटीट्रस्ट नियमों को तोड़ने के आरोपों का सामना करना पड़ रहा है. वैसे तो गूगल ने स्मार्टफोन मेकर्स के लिए एंड्रॉयड सिस्टम का लाइलेंस दिया है, लेकिन उस पर बाजार प्रतिस्पर्धा को प्रभावित करने के आरोप लगातार लगते रहे हैं. यूरोप में करीब 55 करोड़ यानी 75 फीसदी यूजर्स के स्मार्टफोन में एंड्रॉयड है, जबकि भारत में यह संख्या 97 फीसदी या 60 करोड़ पहुंच जाती है.
क्या था सीसीआई का मुख्य आरोप
सीसीआई ने अक्टूबर में अपने फैसले में कहा था कि प्ले स्टोर पर गूगल की लाइसेंसिंग व्यवस्था में प्री-इंस्टालिंग से जुड़े नियमों में पेंच है और उसकी सर्च सर्विस, क्राम ब्राउजर, यूट्यूब सहित अन्य एप्लीकेशन के जरिये बाजार प्रतिस्पर्धा को प्रभावित करने की मंशा देखी गई है.
दो मामलों का सामना कर रही गूगल
गूगल ने अपनी अपील में कहा है कि सीसीआई को सिर्फ सर्च ऐप, क्रोम और यूट्यूब को लेकर नियम तोड़ने की शिकायत मिली है, जबकि उसका आदेश इसके अलावा अन्य सेवाओं को भी लपेटे में ले रहे हैं. इसके अलावा गूगल ने एक और एंटीट्रस्ट मामले में फैसले के खिलाफ अपील की है. इसमें गूगल पर 11.3 करोड़ डॉलर (करीब 926 करोड़ रुपये) का जुर्माने लगाया गया है. यह मामला भारत में पेमेंट प्रोसेसिंग या थर्ड पार्टी बिलिंग से जुड़ा है.