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बुखार हुआ घातक, तीन की मौत, दर्जनों अस्पताल में

बुखार हुआ घातक, तीन की मौत, दर्जनों अस्पताल में

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बुखार हुआ घातक, तीन की मौत, दर्जनों अस्पताल में

फाफामऊ/सोरांव (प्रयागराज)। सोरांव के टीटी पंडिला गांव में बुखार ने घातक रूप अख्तियार कर लिया है। क्षेत्र में वायरल फीवर महामारी की तरह फैल रहा है। यहां अब तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है। कई लोग स्थानीय अस्पताल में भर्ती होकर उपचार करा रहे हैं। पिछले 15 दिनों से बीमारी बेकाबू होकर फैल रही है, वहीं स्वास्थ्य विभाग इस मामले में लापरवाही बरत रहा है।

सिर्फ बुखार होने के बाद 13 अगस्त को सुशीला मिश्रा (70) की मौत हो गई थी। इसके छह दिन बाद अन्नू मिश्र (36) की भी मौत हो गई। 24 अगस्त को रंगनाथ मिश्र की मौत हो गई। महज बुखार से तीन लोगों की मौत से क्षेत्र में दहशत फैल गई है। तमाम लोग स्थानीय अस्पतालों में भर्ती होकर उपचार करा रहे हैं। रहस्यमय बुखार से वीरेन्द्र मिश्र (55), सुशीला मिश्र (50), सुनीता मिश्र (50), अजय मिश्र (22), प्रियंवदा (55), गोलू (9), शिव दत्त (10), अर्जित मिश्र (25), कल्यानी (18), सुभाष केसरवानी (65), सुभाष केसरवानी की पत्नी (62), राजू (36), गुड्डू (35), दीपू केसरवानी (25), जितेन्द्र केसरवानी (54), अर्जुन (19), करन (17), करन की मां (52), पप्पू केसरवानी (46), पप्पू की पत्नी (42), तनु मिश्र (17), सागर मिश्र (20), कीर्ति मिश्र (21), सुनीता मिश्र (45), चन्द्रावती (80), गौरी शंकर (40), श्रेया (16), केसरी देवी (62), ललिता देवी (35) आदि जूझ रहे हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि बस्ती के पानी का निकास नही होने के कारण पानी नाली में भरा रहता है। भीषण बदबू और गंदगी से लोग लगातार बीमार हो रहे हैं। बिगहिया स्थित नलकूप से गांव में पानी की आपूर्ति होती है।

कई जगह पाइप लाइन टूटी होने के कारण लोग प्रदूषित पानी पी रहे हैं। तीन लोगों की मौत होने एवं कई लोगों के बीमार होने के बाद बुधवार को न्याय पंचायत टीटी पंडिला एवं न्याय पंचायत थरवई के सफाई कर्मचारियों ने गांव में सफाई की, वहीं ग्रामीणों का आरोप है कि गांव में सफाई के नाम पर मात्र औपचारिकता निभाई गई। सिर्फ चूने का छिड़काव किया गया। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सोरांव के प्रभारी डॉ. विजय पाठक ने बताया कि उक्त बीमारी वायरल फीवर है। उनके अनुसार गांव में एक सप्ताह पूर्व तीन दिन तक दवा वितरित की गई और एक सुपरवाइजर की ड्यूटी लगाई गई है। संवाद

आरओ का पानी पी रहे हैं ग्रामीण
फाफामऊ। नलकूप की पाइप लाइन टूटी होने के कारण ग्रामीण प्रदूषित पानी की आपूर्ति किए जाने की बात कर रहे हैं। आसपास के कुएं सूख गए हैं। इसलिए बीमार लोग आरओ का पानी खरीदकर उसका सेवन कर रहे है।

सौ रुपये लीटर मिल रहा है बकरी का दूध
फाफामऊ। टीटी पंडिला गांव में फैली बीमारी को लोग डेंगू बताकर तरह तरह का इलाज कर रहे हैं। गांव में बकरी के दूध की मांग बढ़ गई है। बकरी का दूध बड़ी मुश्किल से 100 रुपये किलो मिल रहा है। पपीते की पत्ती का रस भी लोग पी रहे हैं।

मैनपुरी। सर्दी के साथ जिले में बुखार, हार्ट और अस्थमा के मरीजों की दिक्कतें बढ़ रही हैं। बुखार से पीड़ित बालक की मौत हो गई। वहीं अस्थमा और हार्ट की दिक्कत से पीड़ित दो वृद्धों ने भी दम तोड़ दिया। छह मरीजों को गंभीर हालत में मेडिकल कॉलेज सैफई के लिए रेफर किया गया।

ले एक पखवाड़े से जिले में सर्दी के साथ ही सर्दी, जुकाम, बुखार से पीड़ित बच्चों की दिक्कतें बढ़ी हैं। वहीं अस्थमा और हार्ट से पीड़ित बुजुर्गों की समस्याएं भी लगातार बढ़ती जा रही हैं। जिला अस्पताल में प्रतिदिन बुखार, जुकाम, खांसी और अस्थमा के मरीजों की भीड़ पहुंच रही है। कोतवाली थाना क्षेत्र के गांव पुसैना निवासी 65 वर्षीय प्रेमबाबू को पिछले कुछ दिनों से अस्थमा की दिक्कत थी। मंगलवार को परिजनों ने उन्हें गंभीर हालत में जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यहां उपचार के दौरान मंगलवार की रात उनकी मौत हो गई।
कोतवाली थाना क्षेत्र के गांव अंगौथा निवासी छबिराम सिंह के 10 वर्षीय पुत्र दीपेश को पिछले कुछ दिनों से बुखार आ रहा था। परिजन उसका एक निजी डॉक्टर के यहां उपचार करा रहे थे। हालत बिगडने पर परिजन उसे लेकर मंगलवार को जिला अस्पताल पहुंचे यहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। भोगांव थाना क्षेत्र के गांव नगला मानसिंह निवासी 72 वर्षीय बलवीर सिंह को सोमवार की रात अचानक हार्ट अटैक पड़ा परिजन उन्हें लेकर जिला अस्पताल पहुंचे यहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

ओपीडी में 796 मरीजों को गंभीर हालत में कराया गया भर्ती

 

जिला अस्पताल की ओपीडी में मंगलवार को सुबह से ही मरीजों की भीड़ रही। यहां सबसे अधिक मरीज सर्दी, जुकाम, बुखार, अस्थमा और हार्ट से पीड़ित पहुंचे। ओपीडी में 380 पुरुष और 416 महिलाएं पहुंचीं। 11 मरीजों को गंभीर हालत में जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया।

 

जिला अस्पताल में भर्ती मरीज प्रेमबाबू को गंभीर हालत में लाया गया था उन्हें अस्थमा की दिक्कत थी। अन्य दो मरीज मृत अवस्था में लाए गए जिसमें से बालक को बुखार से पीड़ित परिजन ने बताया। वहीं वृद्ध के परिजन ने बताया कि उसे हार्ट अटैक पड़ा। - डॉ. आदर्श सेंगरी, ईएमओ जिला अस्पताल

रहस्यमयी बुखार ने गांव में मातम ला दिया है। यह गांव है खेरखाता, जहां लगभग हर परिवार में एक या दो लोग इस बुखार से पीड़ित बताए जा रहे हैं। इनमें करीब तीस लोगों का इलाज अलग-अलग अस्पतालों में भी चल रहा है। हैरत की बात तो यह है कि इस रहस्यमयी बुखार ने तीन दिन में छह लोगों की जान ले ली है।

मरने वालों में एक किशोरी और एक महिला भी शामिल है। इससे भी चौंकाने वाली बात यह है कि जिस गांव में बीमारी तांडव मचा रही है, उस गांव की चीख पुकार स्वास्थ्य विभाग के कानों तक अब तक नहीं पहुंची है। न ही इस गांव में मलेरिया-डेंगू मच्छरों से बचाव के कोई इंतजाम किए गए। न ही इस विभाग के अधिकारियों ने यह जानने की कोशिश की कि आखिरकार कौन सा बुखार है।

भगतपुर थाना क्षेत्र में खेरखाता गांव के पास मूंढापांडे स्वास्थ्य केंद्र है। इस गांव में लोग संकट में है, इस स्वास्थ्य केंद्र के डाक्टर भी इससे अनजान हैं। रहस्यमयी बुखार पिछले 15 दिन से गांव वालों को तंग कर रहा है। यहां तक कि इस बुखार के बड़े घातक परिणाम भी सामने आ रहे हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग बेफिक्र है और नींद पूरी करने में लगा है। गांव के रहने वाले सुहेल व इंतेखाब आलम ने बताया कि खैरखाता के रहने वाले शफी (50) पुत्र बशीर अहमद, हाजरा बेगम (55) पत्नी अबरार हुसैन, नीरज (32) पुत्री लालाराम को बुखार होने पर अस्पताल में भर्ती कराया था।

शनिवार को तीनों ने दम तोड़ दिया। यही नहीं शुक्रवार को इंतजार अली (45) पुत्र जुल्फिकार अली व इम्तियाज मिस्त्री की 15 वर्षीय पुत्री और गुरुवार को बरकत अली (35) पुत्र मोहम्मद अजीज ने भी इसी तरह के बुखार के चलते दम तोड़ दिया। यही नहीं करीब 30 लोग अस्पताल में अब भी भर्ती हैं, इसमें बुजुर्ग मोहम्मद हनीफ, मोम्मद रफीक, युवक फहीम अहमद, फिरोज आलम, जहीर आलम और लालाराम की हालत ज्यादा गंभीर है।

गांव वाले बता रहे हैं कि जो बीमार हैं और जिनकी मौत हो गई है उनकी निजी लैब से कराई गई खून जांच में डेंगू और मलेरिया बताया गया, हालांकि इसकी पुष्टि अभी सरकारी चिकित्सकों ने नहीं की है। पर इस कदर हावी हो रहे बुखार से निजात दिलाने के लिए भी इन अफसरों ने अब तक कोई कदम नहीं उठाया है। न ही फॉगिंग कराई गई है और न ही यहां के लोगों के लिए सरकारी तौर पर जांच के लिए खून के सेंपल लिए गए हैं। मूंढापांडे एमओआईसी को तो इस बड़ी घटना की खबर तक नहीं है।

खेरखाता गांव में छह लोगों की मौत हो गई, करीब 30 के करीब जिंदगियां अस्पताल में जूझ रही हैं। हर घर में कोई न कोई बीमार पड़ गया है। उसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग खबर तक नहीं लेने नहीं आया तो गांव वालों का गुस्सा फूट पड़ा। ग्रामीण सड़क पर उतर आए। उन्होंने इस विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और अपना जाहिर किया। इस दौरान मोहम्मद साहिल, मोहम्मद गुलवेज, नौशाद पाशा, रेहान मोहम्मद दानिश, इंतखाब आलम शामिल थे।

डिलारी के गांव बेगमपुर में डेंगू व मलेरिया की जांच करने गई स्वास्थ्य विभाग की टीम का लोगों ने विरोध कर दिया। मलेरिया विभाग से मिली जानकारी में शुक्रवार को गई इस टीम ने जब स्लाइड (रक्त पट्टिकाएं) बनाने की बात कही तो गांव वालों ने सीधे मना कर दिया। उनका कहना था कि टीम कोविड की जांच करने आई है। इसपर उन्हें काफी समझाया गया, पर वे नहीं माने। हालांकि इस दौरान आधा दर्जन बच्चों सहित करीब 25 लोगों की स्लाइड तैयार कर ली गई। बाकी गांव वालों ने उन्हें लौटा दिया। हालांकि अभी इस स्लाइड की रिपोर्ट नहीं आई है।

जिला मलेरिया अधिकारी डा. ब्रह्म सिंह ने बताया कि कुंदरकी, कांठ और डिलारी के कुछ गांवों में फॉगिंग कराई गई है। यहां बुखार से पीड़ित कुछ लोगों की जानकारी मिली थी। जब मौके पर गए तो वहां करीब 20 लोगों की स्लाइड तैयार की गई। उसकी जांच हुई तो कोई डेंगू या मलेरिया का मरीज नहीं पाया गया।

जिला मलेरिया अधिकारी डा. ब्रह्म सिंह ने बताया कि खैरखाता गांव में बुखार से पीड़ितों की कोई जानकारी नहीं दी गई है। न ही निजी लैब, अस्पताल या फिर गांव वालों की ओर से इस तरह का कुछ बताया गया है। मूंढापांडे एमओआईसी ने भी कुछ नहीं बताया। अब जानकारी मिली है तो रविवार को ही टीम मौके पर भेजेंगे। गांव में जो भी बुखार से पीड़ित होगा, उनकी स्लाइड बनाई जाएंगी। उसके बाद उनकी जांच कराई जाएगी। फॉगिंग और एंटीलार्वा साइड भी डलवाया जाएगा।

बुखार हुआ घातक, तीन की मौत, दर्जनों अस्पताल में

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