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रक्त संचार और ऑक्सीजन लेवल होगा अच्छा, करें ये एक्सरसाइज

रक्त संचार और ऑक्सीजन लेवल होगा अच्छा, करें ये एक्सरसाइज

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रक्त संचार और ऑक्सीजन लेवल होगा अच्छा, करें ये एक्सरसाइज

शरीर में रक्त संचार बेहतर करने वाले और ऑक्सीजन लेवल बढ़ाने वाले कई व्यायाम बताए और सिखाए गए. इसके अलावा कई ब्रीदिंग एक्सरसाइज, दंड-बैठक, कदमताल, कपालभारती (Kapalbhati) से लेकर छोटे-छोटे कई अभ्यासों को करने के बारे में बताया और दिखाया गया. योग में एक दिन में निपुण नहीं बन सकते. अभ्यास करते हुए ही यह एक आदत के रूप में उभर कर आएगा.

ग्रीवा शक्ति विकासक क्रिया

इस योग क्रिया को करने के लिए अपनी जगह पर खड़े हो जाएं. जो लोग खड़े होकर इस क्रिया को करने में असमर्थ हैं वे इसे बैठकर भी कर सकते हैं. जो जमीन पर नहीं बैठ सकते वे कुर्सी पर बैठकर भी इसका अभ्यास कर सकते हैं.

- कंफर्टेबल पोजीशन में खड़े होकर हाथों को कमर पर टिकाएं. शरीर को ढीला रखें.

-कंधों को पूरी तरह से रिलैक्स रखें. सांस छोड़ते हुए गर्दन को आगे की ओर लेकर आएं.

- चिन को लॉक करने की कोशिश करें. जिन लोगों को सर्वाइकल या गर्दन में दर्द की समस्या हो वह गर्दन को ढीला छोड़ें चिन लॉक न करें.

- इसके बाद सांस भरते हुए गर्दन को पीछे की ओर लेकर जाएं.

थोरेसिक ब्रीदिंग

थोरेसिक ब्रीदिंग को अक्षत श्वसन भी कहा जाता है. गहरी सांस फेफड़ों तक भरें और हल्का रोकें और बाहर छोड़ें. इस बात का ख्याल रखें कि धीरे धीरे सांस लेनी है और धीरे-धीरे ही सांस छोड़नी है. इससे शरीर के हर भाग तक ऑक्सीजन पहुंचती हैं. आंखों को बंद कर इसे करेंगे तो परिणाम बेहतर होंगे.


डीप ब्रीदिंग

शरीर को हल्का छोड़ें. सांस को धीरे धीरे भरें और फिर बाहर छोड़ें. इस दौरान एब्डॉमिनल और थोरेसिक को ढीला छोड़ें. इससे आपका रक्त संचार बेहतर होगा.

कपालभारती

कपालभारती के लिए पद्मासन में बैठें. कपालभाति प्राणायाम करने के लिए रीढ़ को सीधा रखते हुए किसी भी ध्यानात्मक आसन, सुखासन या फिर कुर्सी पर बैठें. इसके बाद तेजी से नाक के दोनों छिद्रों से सांस को यथासंभव बाहर फेंकें. साथ ही पेट को भी यथासंभव अंदर की ओर संकुचित करें. इसके तुरंत बाद नाक के दोनों छिद्रों से सांस को अंदर खीचतें हैं और पेट को यथासम्भव बाहर आने देते हैं. इस क्रिया को शक्ति व आवश्यकतानुसार 50 बार से धीरे-धीरे बढ़ाते हुए 500 बार तक कर सकते हैं लेकिन एक क्रम में 50 बार से अधिक न करें. क्रम धीरे-धीरे बढ़ाएं. इसे कम से कम 5 मिनट और अधिकतम 30 मिनट तक कर सकते हैं. कपालभारती बहुत ऊर्जावान उच्च उदर श्वास व्यायाम है. कपाल अर्थात मस्तिष्क और भाति यानी स्वच्छता अर्थात 'कपालभारती' वह प्राणायाम है जिससे मस्तिष्क स्वच्छ होता है और इस स्थिति में मस्तिष्क की कार्यप्रणाली सुचारु रूप से संचालित होती है. वैसे इस प्राणायाम के अन्य लाभ भी हैं. लीवर किडनी और गैस की समस्या के लिए बहुत लाभकारी है.

 

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