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कैसे करें सूर्य नमस्कार? जानें सही तरीका और फायदे

कैसे करें सूर्य नमस्कार? जानें सही तरीका और फायदे

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कैसे करें सूर्य नमस्कार? जानें सही तरीका और फायदे

शरीर को चुस्त-दुरुस्त रखने के लिए आप छोटे-छोटे अभ्यासों को कर सकते हैं. किसी भी बड़े योगाभ्यास (Yoga Practice) को करने से पहले सूक्ष्म अभ्यासों को करना बहुत जरूरी है. रोज योग (Yoga) करने से सेहत (Health) को फायदा मिलता है. ये शरीर की क्षमता और लचीलापन भी बढ़ता है. आज योग प्रशिक्षिका योगा सेशन में कुछ आसनों के जरिए खुद की सेहत का ख्याल रखना सिखाया. सूर्य नमस्कार (Surya Namaskar) शरीर को मजबूत बनाने के साथ-साथ मेंटल हेल्थ के लिए भी अच्छा योगाभ्यास है. इसे नियमित तौर पर करने से कई रोगों को दूर भगाया जा सकता है. सूर्य नमस्कार (Surya Namaskar) के 12 स्टेप्स का रोजाना अभ्यास करने से बहुत फायदा मिलता है. इसका अभ्यास सुबह खाली पेट किया जाता है. इसके अभ्यास से वजन संतुलित रहता है. पाचन बेहतर कर कब्ज की दिक्कत दूर करता है. साथ ही ये शरीर को लचीला बनाता है. मांसपेशियों और हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए भी ये आसन किया जाता है. इस अभ्यास को करने से पहले सूक्ष्म व्यायाम करने की सलाह दी जाती है. साथ ही श्वास-प्रश्वास का ध्यान भी रखें.

1. प्रणामासन (Pranamasana)

इस आसन को करने के लिए योगा मैट पर सीधे खड़े हो जाएं और अपने दोनों को पैरों को मिला लें. इस दौरान अपनी कमर सीधी रखें. अब हाथों को अपने सीने के पास लाएं और प्रणाम करें.

2. हस्तउत्तनासन (Hasta Uttanasana)

प्रणामासन में खड़े होकर अपने हाथों को सिर के ऊपर ले जाएं और सीधा रखें. अब अपने हाथों को प्रणाम करने की मुद्रा में ही पीछे की करफ ले जाएं और अपनी कमर को पीछे की तरफ झुका लें.

3. पादहस्तासन (Padahastasana)

पादहस्तासन करने के लिए धीरे-धीरे सांस छोड़ें. अब आगे की ओर झुकते हुए अपने हाथों से पैरों की उंगलियों को छुएं. इस मुद्रा में आपका सिर घुटनों से मिल जाएगा.

4. अश्व संचालनासन (Ashwa Sanchalanasana)

इस आसन के लिए राइट पैर पीछे की ओर ले जाएं. इस पैर का घुटना जमीन से छूना है. इस दौरान दूसरे पैर को मोड़ें. अपनी हथेलियों को जमीन पर सीधा रखें और ऊपर सिर रखकर सामने की ओर देखें.

5. दंडासन (Dandasana)

इस आसान को करते समय अपने दोनों हाथों और पैरों को सीधा और एक ही लाइन में रखें. इसके बाद पुश-अप करने की अवस्था में आ जाएं.

6. अष्टांग नमस्कार (Ashtanga Namaskara)

अब अपनी हथेलियों, चेस्ट, घुटनों और पैरों को जमीन से सटाएं. अब इस अवस्था में रहें.

7. भुजंगासन (Bhujangasana)

इस अभ्यास के लिए अपनी हथेलियों को जमीन पर रखें और पेट को जमीन से सटाते हुए गर्दन को पीछे की ओर झुकाएं.
यह भी पढ़ें- सूर्य नमस्कार से पहले बच्चों को सिखाएं ये आसन, बढ़ेगी शरीर की क्षमता

8. अधोमुख शवासन (Adho Mukha Svanasana)

अधोमुख शवासन को पर्वतासन भी कहा जाता है. इसके के लिए अपने पैरों को जमीन पर सीधा रखें. अब कूल्हे को ऊपर की ओर उठा लें. अपने कंधों को सीधा रखें और मुंह को अंदर की तरफ रखें.

9. अश्व संचालनासन (Ashwa Sanchalanasana)

इसके लिए अपने राइट पैर पीछे की ओर ले जाएं. ध्यान रहे कि घुटना जमीन से मिलना चाहिए. अब अपने दूसरे पैर को मोड़े और हथेलियों से जमीन को छुएं. सिर को आसमान की ओर रखें.

10. पादहस्तासन (Padahastasana)

इस योगाभ्यास के लिए आगे की ओर झुककर हाथों से पैरों की उंगलियों को छुएं. इस दौरान आपको अपना सिर घुटनों से मिलाना है.

11. हस्तउत्तनासन (Hasta Uttanasana)

इस आसन को अर्धचंद्रासन भी कहा जाता है. अब प्रणामासन में खड़े होकर अपने हाथों को सिर के ऊपर उठा लें और सीधा रखें. अब हाथों को प्रणाम करने की मुद्रा में ही पीछे की ओर ले जाएं. अपनी कमर को पीछे की तरफ झुका लें.

12. प्रणामासन (Pranamasana)

अंत में आपको फिर से प्रणामासन करना है. ध्यान रहे कि योगाभ्यास अपनी क्षमता अनुसार ही करना है. इस दौरान श्वास-प्रश्वास और व्यायाम से जुड़े विशेष नियमों का पालन करना बहुत जरूरी है. इसी के साथ सही मात्रा में सही पोषण लेना भी आवश्यक है. आप सूक्ष्म व्यायाम के जरिए ही आसानी से अपनी सेहत का ख्याल रख सकते हैं. साथ ही बड़े आसनों के लिए अपने शरीर को तैयार भी कर सकते हैं.

 

 

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