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 जानें किन आदतों से खराब हो सकती है आपकी परफॉर्मेंस

जानें किन आदतों से खराब हो सकती है आपकी परफॉर्मेंस

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जानें किन आदतों से खराब हो सकती है आपकी परफॉर्मेंस

1.कई स्टूडेंट्स स्टडी मटेरियल को बार-बार पढ़ने में जरूरत से अधिक समय लगाते हैं. उनमें कॉन्फिडेंस की कमी होती है या उन्हें गलती होने जाने का डर रहता है. यह एक गंभीर भूल है. आपको फास्ट लर्निंग की आदत डालनी होगी. एक स्टडी के मुताबिक, केवल 11% छात्र लर्निंग के लिए प्रैक्टिस टेस्ट (Mock Test) का अभ्यास करते हैं. चेक करें, कहीं आप ऐसा तो नहीं कर रहे. आपको पढ़ी गई जानकारी को जल्दी और सटीक रूप से याद करने की क्षमता विकसित करनी होगी. टॉपिक पर कमांड बनाने के लिए अपनी रिकॉल मसल (recall muscle) पर जोर डालें, प्रैक्टिस करें और प्रैक्टिस टेस्ट सॉल्व करें.

2.मेमोरी रिकॉल की गति और सटीकता बढ़ाएं: अपनी परफॉर्मेंस बेहतर करने के लिए आपको मेमोरी रिकॉल (Memory Recall) की स्पीड और एक्यूरेसी दोनों बढ़ानी होगी. इसका मतलब है कि आप नए-नए प्रश्न बनाने की आदत डालें. इससे आप पढ़े गए टॉपिक के बारे में अलग-अलग एंगल से सोचने पर मजबूर होंगे. यह मेमोरी प्रोसेसिंग की क्षमता बढ़ाएगा. आपकी समझ जितनी अधिक अच्छी होगी, उतनी ही तेजी और आसानी से आप टॉपिक रिकॉल कर सकेंगे.

3.सबसे पावरफुल टिप: सोने से करीब 120 से 90 मिनट पहले अपने सबसे कठिन या चैलन्जिंग टॉपिक या सवाल खुद से पूछें. क्योंकि यह किसी टॉपिक को सीखने में लगने वाले समय में 50% या उससे अधिक की कटौती कर सकता है. इससे आपकी मेमोरी रिकॉल क्षमता का विकास होगा और आप हफ्तों और महीनों बाद भी उस टॉपिक को आसानी से याद रख पाएंगे. एक और खास बात, रात को 7-8 घंटे की अच्छी नींद का आनंद लें और अगली सुबह उठने के तुरंत बाद उसी टॉपिक का अध्ययन करें. सोने से पहले और बाद के दो लर्निंग सेशन से आपको काफी लाभ होगा. याद रखें, कुछ सीखने के बाद सोना निश्चित रूप से एक अच्छी रणनीति है, लेकिन दो लर्निंग सेशंस (learning sessions) के बीच सोना एक बेहतर रणनीति है.

4.सबसे बड़ी गलती है, लगातार कई रातों तक 7-8 घंटे की अच्छी नींद न लेना. बेसिक फिजिकल हेल्थ के लिए कम से कम 7 घंटे की नींद जरूरी है. आदर्श स्थिति में आप 8 घंटे की नींद लें, तो ज्यादा एक्टिव रह पाएंगे. एक रिसर्च के मुताबिक, नियमित तौर पर अच्छी नींद लेने वाले स्टूडेंट्स अच्छा स्कोर कर पाते हैं. वहीं अनियमित नींद लेने वाले बेहतर परफॉर्म नहीं कर पाते. हार्वर्ड मेडिसिन स्कूल (Harvard Medical School) के एसोसिएट प्रोफेसर एंड्रयू फिलिप्स के अनुसार, अनियमित नींद लेने वालों में स्लीप हॉर्मोन मेलाटोनिन (melatonin) नहीं बन पाता है. हमारे शरीर की आंतरिक घड़ी बायोलॉजिकल फंक्शन के लिए जिम्मेदार है. आमतौर पर यह रात के समय एक संकेत भेजती है जिससे मेलाटोनिन हार्मोन रिलीज़ होता है

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