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कितने प्रकार के कॉलर वर्कर होते हैं?

कितने प्रकार के कॉलर वर्कर होते हैं?

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कितने प्रकार के कॉलर वर्कर होते हैं?

  • ब्लू-कॉलर वर्कर- इस समूह में मज़दूर वर्ग शारीरिक श्रम के माध्यम से आय अर्जन करता है।
  • व्हाइट-कॉलर वर्कर-यह एक वेतनभोगी पेशेवर है, जो आमतौर पर कार्यालय के प्रबंधन का कार्य करता है।
  • गोल्ड-कॉलर वर्कर-इस प्रकार के वर्कर का उपयोग अत्यधिक कुशल ज्ञान वाले लोगों को संदर्भित करने हेतु किया जाता है जो कंपनी के लिये अत्यधिक मूल्यवान होते हैं। उदाहरण- वकील, डॉक्टर, शोध वैज्ञानिक आदि।
  • स्कारलेट-कॉलर वर्क- यह एक ऐसा शब्द है जिसका इस्तेमाल अक्सर पोर्नोग्राफी उद्योग में काम करने वाले लोगों, विशेष रूप से इंटरनेट पोर्नोग्राफी के क्षेत्र में महिला उद्यमियों को संदर्भित करने के लिये किया जाता है।
  • रेड-कॉलर वर्कर- सभी प्रकार के सरकारी कर्मचारी
  • ओपन-कॉलर वर्कर- यह एक ऐसा वर्कर है जो घर से खासकर इंटरनेट के ज़रिये काम करता है।
  • ग्रीन-कॉलर वर्कर- ये ऐसे वर्कर हैं जो अर्थव्यवस्था के पर्यावरणीय क्षेत्रों में कार्यरत हैं।उदाहरण- वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों जैसे- सौर पैनल, ग्रीनपीस, वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर आदि में काम करने वाले वर्कर।
  • पिंक-कॉलर वर्कर- यह एक ऐसा रोज़गार है जिसे पारंपरिक रूप से महिलाओं का काम माना जाता है और अक्सर कम वेतन मिलता है।

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