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vrsha riitu hindi poem

vrsha riitu hindi poem

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वर्षा ऋतु तू ऋतुओ की रानी है ।
तेरे न आने से हाहाकार मच जाता ।।

तेरे बिना जीवन संकट में पड़ जाता ।
चहु और त्राहि त्राहि मच जाती ।।

तेरे बिना सब नदी नाले और तालाब सुख जाते ।
सब प्राणियों का जीवन तुझ से है ।।

तेरे बिना जल, अन्न, जीवन असंभव है ।
वर्षा ऋतु तू सबसे सुहावनी और जीवनदायनी है ।।

तेरे आने से सुखा बीज भी अंकुरित हो उठता है ।
तेरे आने से बागानों के फुल खिल उठते है ।।

वर्षा तू जब आती है धरा की प्यास भूझ जाती है ।
धरती पुत्र के मुंह पर मुस्कान आ जाती है ।।

तेरे आने से जीवन की रेलगाड़ी दौड़ने लग जाती है ।
वर्षा ऋतु तू ऋतुओ की रानी है ।।

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