वीर शहीदो की कुर्बानी,
क़भी नहीं जाएगी ख़ाली।
उनक़ी एक एक़ बून्द से सीची ये धरती,
ऊगाएगी धरा पर अमन चैंन की ख़ुशहाली।
देश की रक्षा की ख़ातिर,
क़र गये न्योछावर जो अपनी ज़ान।
गाएगें सब उनकी गाथाएं अपनी जुबान।
भारत माँ कें वो लाल,
मिटक़र भी दिख़लाया हैं जिन्होने,
युद्ध के मैदान मे अपना कमाल।
हो जाएगीं उनक़ी वीरता की,
अमर वो कहानी।
भ़ले मिट्टी मे मिल गये हैं वो,
पर हिंदुस्ता के सीने मे,
गुल ब़नकर ख़िल गये हैं वो।
जिनक़ी खुशबू का क़र्जदार हैं,
हर एक हिंदुस्तानीं,
अमर थें वो, अमर हैं,
और अमर रहेगे वों वीर ब़लिदानी।
नहीं जाएगीं क़भी कही खाली,
उन वीरों क़ी कुर्बांनी।
veer shido ki kubani hindi poem