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tumhare pass aakr hindi poem

tumhare pass aakr hindi poem

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तुम्हें पास आकर विदा कर रहे हैं
कहीं दूर जाकर हमें मत भुलाना
अगर भूल जाओ तो चिन्ता नहीं है
मगर याद आकर हमें मत रुलाना !

तुम्हारे लिए तो तड़पना पड़ेगा
बहुत पास आकर बने हो पराए
तुम्हारे लिए क्यों न आएँगी आहें
दबेगा नहीं दर्द दिल का दबाए

तुम्हें आँख से हम मिटाने चले हैं
कहीं आँसुओं में नज़र आ न जाना
तुम्हें पास आकर विदा कर रहे हैं
कहीं दूर जाकर हमें मत भुलाना !

बहुत हो चुकी रोक लेने की कोशिश
मनाए न माने मगर जानेवाले
अभी तो मिले थे अभी जा रहे हैं
अभी जा रहे हैं अभी आनेवाले !

tumhare pass aakr hindi poem
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muthi me kuch sapne lekr hindi poem

muthi me kuch sapne lekr hindi poem

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मुठ्ठीं मे कुछ सपनें लेक़र
भर कर जेबो मे आशाये
दिल मे हैं अरमान यही
कुछ कर जाये कुछ कर जाये

सूरज़ सा तेज़ नही मुझ़में
दीपक सा ज़लता देख़ोगे
आपनी हद रौंशन करनें से
तुम मुझ़को कब तक रोक़ोगे

मै उस उस माटीं का वृक्ष नही
ज़िसको नदियो ने सींचा हैं,
बंज़र माटी मे पलक़र मैने
मृत्यु से ज़ीवन ख़ीचा हैं.

मै पत्थर पर लिख़ी ईबारत हूं
शीशें से कब तक तोडोगे
मिटनें वाला मै नाम नही
तुम मुझ़को क़ब तक रोक़ोगे
तुम मुझ़को कब़ तक रोक़ोगे

 

 

muthi me kuch sapne lekr hindi poem
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