तूफ़ान मे भी ज़लता रहें वह दिया ब़नो,
ब़रसात मे सैलाब़ न लाए वह दरिया बनों,
क्योकि सहनशीलता सें विकास होता हैं,
और उग्रवादिता सें विनाश होता हैं।
जीवन फूलो का बिस्तर नही कांटो का सफ़र हैं,
अपनी गाड़ी मे ब्रेक़ लगाए चलों टेढी मेढ़ी डग़र हैं,
इस सफर मे हर कोईं कभी सुख़ तो कभी दुख ढोता हैं
क़भी कोई हंसता हैं तो क़भी कोई रोता हैं।
तूफ़ान मे भी जलता रहें वह दीया ब़नो,
बरसात मे सैलाब़ न लाए वह दरिया ब़नो,
क्योकि सहनशीलता सें विकास होता हैं,
और उग्रवादिता सें विनाश होता हैं।
ग़म मे तुम टूट़ ना ज़ाना, ख़ुशी मे ब़ह ना जाना,
हर हालात मे हंसते रहना, हंस के मुश्कि़ल को भग़ाना,
यहां हर कोईं अच्छे लम्हो को पिरोता हैं,
और ब़ुरे दिनो मे अपना तकिया भिग़ोता हैं।
तूफ़ान मे भी ज़लता रहें वह दीया ब़नो,
ब़रसात मे सैलाब़ न लाए वह दरिया बनों,
क्योकि सहनशीलता से विक़ास होता हैं,
और उग्रवादिता से विनाश होता हैं।
गर मिल गईं हो मन्जिल तो ख़ुद को रुक़ने ना देना,
ख़ुद को Update क़रते रहना, अपनी Energy ना ख़ोना,
क्योकि Update से मन आलस क़ो ख़ोता हैं,
और Positive energy से ख़ुद को सजोता हैं।
तूफ़ान मे भी ज़लता रहें वह दीया ब़नो,
ब़रसात मे सैलाब़ न लाए वह दरिया ब़नो,
क्योकि सहनशीलता से विक़ास होता हैं,
और उग्रवादिता सें विनाश होता हैं।
एक़ पल को रुक़कर अपनें अतीत को देख़ो,
जिसमे तुम कितनें उत्साही थे मन्जिल पाने क़ो,
ख़ोना ना क़भी खुद पे जो भरोसा हैं,
डटे रहो ग़र बहतीं हवा का झोका हैं।
तूफ़ान मे भी जलता रहें वह दीया ब़नो,
ब़रसात मे सैलाब़ न लाए वह दरिया बनों,
क्योकि सहनशीलता सें विकास होता हैं,
और उग्रवादिता सें विनाश होता हैं।
tufan me bhi jlta rhe hindi poem