तोहफे नहीं लाया हूँ मै बस दुआ लाया हूँ कड़कती धुप में बचा सके ऐसी बदलियां लाया हूँ अगर राह के कंकड न हटा सकूँ चलेंगे नंगे पैर की मैं अपने चप्पल छुपा आया हूँ जाम कोई भी मेरे लबो पे आता नहीं कभी पर मैं तेेरे लिए जिंदगी का नशा लाया हूँ मैं कवी हूँ कोई महल नहीं ला सकता हूँ खुशी मैं सिर्फ शब्दों में जता सकता हूँ जन्मदिन पर मैं सिर्फ दुआ लाया हूँ
tohfe nhi laya hu hindi poem