स्वच्छ भारत के स्वप्न को
सबको मिलकर पूरा करना है।
देश कि प्रगति को तो अब
हम भारतवासियों को ही सुनिश्चित करना है।।
माना कि मंजिल दूर बहुत है
फिर भी हिम्मत से आगे बढ़ना है।
देश के बच्चों, बूढ़ों को अब
एक ही रफ्तार से आगे चलना है।।
साफ हो हर घर, गली, चौराहा
यह बात सुनिश्चित करना है।
देश को खुले में शौच जाने से
अब मुक्ति हमें दिलाना है।।
आओ मिलकर संकल्प करें
कि सब कूड़ेदान का ही उपयोग करें।
देश के कोने-कोने को चमकाकर
आओ नया इतिहास रचें।।
स्वच्छ भारत के एक स्वप्न को
आओ मिल कर साकार करें।
बच्चों को बचपन से ही हम
स्वच्छता का अब ज्ञान दें।।
स्वच्छ रहेगा जब अपना भारत
तभी तो स्वस्थ बन पाएगा।
डेंगू, चिकनगुनिया से अब हमको
स्वच्छता ही आजादी दिलाएगा।।
स्वच्छता के हैं कई फायदे
जो आजीवन काम आएंगे।
कुछ आपके व्यक्तित्व की आभा बढ़ाकर
तो कुछ देश हित के लिए जाने जाएंगे।।
स्वच्छ बनेगा अपना भारत
अब वो दिन ज्यादा दूर नहीं।
जागरूक है देश का अब हर नागरिक
पूरे होंगे स्वच्छता के अभियान सभी।।
swach bharat ka sanklap hindi poem