• +91 99920-48455
  • a2zsolutionco@gmail.com
suraj nikla gagan me hindi poem

suraj nikla gagan me hindi poem

  • By Admin
  • 3
  • Comments (04)

सूरज निकला गगन में दूर हुआ अंधियारा,
पेड़ों ने ली अंगड़ाई, ठंडी ठंडी हवा चलाई,
पक्षियों ने भी नभ में छलांग लगाई।

हरे-भरे बागानों में रंग बिरंगे फूल खिले,

फूलों ने अजब सी महक फैलाई,
तितली, भंवरों को वो खींच लाई।

रसपान कर फूलों का सबने मौज उड़ाई,
देख प्रकृति की सुंदरता को,
कोयल भी धीमे-धीमे गुनगुनाए।

रंग बदलती प्रकृति हर पल मन को भाए,
नभ में कभी बादल तो कभी नीला आसमां हो जाए,
रूप तेरा देख कर हर कोई मन मोहित हो जाए।

झील, नदियां मीठा जल पिलाएं,
पर्वत हमें ऊंचाई को छुना सिखाएं,
प्रकृति हमें सब से प्रेम करना सिखाए।

रात के अंधियारे में चांद भी अपनी कला दिखाएं,
सफेद रोशनी से प्रकृति को रोशन कर जाए,
तारे भी टिमटिमा कर नाच दिखाएं।

प्रकृति हमें रूप अनेक दिखाती,
एक दूसरे से प्रेम करना सिखाती,
यही हमें जीवन का हर रंग बतलाती।

suraj nikla gagan me hindi poem
  • Share This:

Related Posts