सूरज भी जब छुप जाता है आसमान में,
घने बादलों का डेरा सा लग जाता है।
बादलों की धमाचौकड़ी जब मचती है ,
तो आकाश खेल का मैदान बन जाता है।
काले, भूरे, सफेद, चमकीले बादल,
अठखेलियां सी करते दिखते हैं।
लगता है जैसे कोई छीटे शरारती बच्चे।,
मिलकर वहां उपर लूकन छुपी खेलते हैं।
मानसून में यहीं बदल गंभीर हो जाते हैं,
वर्ष करने के अपने काम में जुट जाते हैं
गर्मी की जलती -तपती धूप, लू से
यहीं बदल हमें राहत पहुंचाते हैं।
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