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sundar rup is dhra ka hindi poem

sundar rup is dhra ka hindi poem

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सुन्दर रूप इस धरा का,

आँचल जिसका नीला आकाश,

पर्वत जिसका ऊँचा मस्तक,2

उस पर चाँद सूरज की बिंदियों का ताज

नदियों-झरनो से छलकता यौवन

सतरंगी पुष्प-लताओं ने किया श्रृंगार

खेत-खलिहानों में लहलाती फसले

बिखराती मंद-मंद मुस्कान

हाँ, यही तो हैं,……

इस प्रकृति का स्वछंद स्वरुप

प्रफुल्लित जीवन का निष्छल सार

sundar rup is dhra ka hindi poem
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