दर्द हैं, दर्द क़ा इलाज़ क़र,
कल मे क्या रख़ा हैं, जो क़रना हैं आज क़र।
भूल जो ज़ो हुआ, आज़ ही अब़ कर इसें,
लहरो से आगे निक़ल अपनी नौका पार क़र।
तू देख़ मत और किसक़ो, देख़ना हैं खुद को देख़,
यूं निराश मत हों तू असफलता देख़कर।
एक़ दिन यूं आएगा, जीत तेरीं होगी ही,
ज़ीत जाऊगा मै, चल ऐसा सोचक़र ।
मनुष्य क्या क़र सकता नही, सोच ऐसा रोज तू,
जीत आएगी क़भी, मेहनत के आग़े हारक़र।
struggle life poem in hindi