प्रेम मिले तो जीवन है वरना एक रूखा खेल है,
आपस में मिलना रूहों का देखो सच्चा मेल है।
प्यार के बंधन में बंध जा आनंद तभी तो आएगा,
वरना सारा जीवन लगता है मानो लम्बी जेल है।
बिना सहारे देख जमीं पे ही मिट्टी बन जाएगी,
आज अटारी पे लिपटी दिखती जो सुन्दर बेल है।
आंधी तूफां से भी जो लड़ता है पूरी शिद्दत से,
समझो उस जलते दीये में भरा प्रेम का तेल है।
वो नारी पुरुष ही अच्छे हैं जो प्रेम सुधा बरसाते हैं,
क्या फर्क पड़ेगा इससे मधुकर वो अगर दसवीं फेल हैं।
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