सच, झूठ, झूठ?
छोड़ यार, चल लूट
बेशुमार बार-बार
कुछ भी ना जाए छूट
दे मिटा, ना पटा
कोई गर गया रूठ
देख मौका, दे दे धोखा
तोड़ मार, डाल फूट
छल कपट, जोर झपट
हर भरोसा, जाए टूट
छोड़ कायदा, बस फायदा
सीधा चला, अपना ऊंट
सच, झूठ, झूठ, झूठ?
छोड़ यार, चल लूट
sach juth hindi poem