रोज आकर लड़ाई करती मम्मी से लड़कर खाना मांगती थोड़ा भी देर हो जाता है मिलकर शोर मचाती है। डांट लगाती जोर-जोर से मम्मी की शामत आती है। पापा जब खाना डालते नाच नाच कर खाती है। कुछ अपने लिए कुछ बच्चों के लिए जेब भर के ले जाती है।
roj aakr ldaii krti hindi poem