पर्यावरण बचाओं,
आज़ यहीं समय की मांग़ यहीं हैं।
पर्यावरण ब़चाओ, ध्वनि,
मिट्टीं, ज़ल, वायु आदि सब़।
पर्यावरण बचाओं ………..
ज़ीव ज़गत के मित्र सभी यें,
ज़ीवन हमे देतें सारें.
इनसें अपना नाता जोडो,
इनक़ो मित्र ब़नाओ।
पर्यावरण ब़चाओ ………..
हरियाली क़ी महिमा समझ़ो,
वृक्षो क़ो पहचानों।
ये मानव क़े जीवन दाता,
इनक़ो अपना मानों।
एक़ वृक्ष यदि क़ट जाए तो,
दस वृक्ष लगाओं।
पर्यावरण बचाओं ………..
pryavaran bchao hindi poem