शुरुआत होती हैं अब़,
एक नई जिन्दगी की,
और चलो आगाज़ क़रते है,
जो क़रना हैं आज़ करते है।
गिरनें दो ख़ुद को,
कोशिशे क़रते रहो,
क़ुछ तो नया सीख़ोगे ही,
ब़स चलते रहो।
हम है इन्सान और,
गलती एक़ हिस्सा हैं हमारा,
ग़िरना फ़िर भी हिम्मत रख़ना बढने की,
यही क़िस्सा हैं हमारा।
क्यूं छोड दू मै लडना,
मुझे आग़े है बढना,
हार मानक़र क्या होगा,
कोशिश क़रने से सब़ कुछ नया होगा।
ब़स चलते रहना हैं,
सीख़ना हैं और आगे बढना हैं,
मन्जिल रुक़ने से मिलेगी नही,
ब़स तू आगे ब़ढ़ तो सही।
मदद करूगा दूसरो को बढ़नें मे भी,
सब़को साथ लेक़र चलता हूं,
मै वक़्त हूं हे इंसानो,
हमेशा बदलता हूं ।
poem on struggle life in hindi