पानी आया… पानी आया… गरज रहे बादल घनघोर ठमक-ठमक कर नाचे मोर पी-पी रटने लगा पपीहा झन-झन-झन झींगुर का शोर दूर कहीं मेंढक टर्राया पानी आया… पानी आया… रिमझिम-रिमझिम बूंदें आईं खुशियों की सौगातें लाईं पेड़ों के पत्तों ने भरभर झूम-झूमकर तालियां बजाईं गर्मी का हो गया सफाया पानी आया… पानी आया… भीग रहे कुछ छाता ताने रानू-मोनू लगे नहाने छप-छप-छप-छप करते फिरते सपने जैसे हुए सयाने बच्चों का मन है हर्षाया
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