जो अपना ना बने मन से उसे भी कहना पड़ता है,
ज़िन्दगी को चलाने को साथ में रहना पड़ता है।
कोई भी चोट लगती है दर्द तो लाज़मी होगा,
दवा दारू खूब कर लो उसे पर सहना पड़ता है।
दर्द इस धार के भी तो सदा दिल में रहे होंगे,
देख लो औरों की खातिर इसे पर बहना पड़ता है।
कोई मिट्टी का टीला हो या ढेरी कोई मैं की,
बोझ बढ़ जाए जिसका भी उसे तो ढहना पड़ता है।
जो जिसके पास है मधुकर वही बस काम आएगा,
सर्प का देख लो शिव को बनाना गहना पड़ता है।
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