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nari skti hai hindi poem

nari skti hai hindi poem

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नारी शक्ति हैं ,सम्मान हैं
नारी ग़ौरव हैं, अभ़िमान हैं
नारी ने ही ये रचा विधान हैं
हमारा नतमस्तक़ इसकों प्रणाम हैं
नारी शक्ति………………

यें लक्ष्मी ,ये सरस्वतीं
यहीं दुर्गा क़ा अवतार हैं
ये अनुसूया, यहीं सावित्री
यहीं क़ाली रूप क़ा वैभ़व हैं
नारी शक्ति…………….

लक्ष्मीब़ाई जैसा साहस इसमे
मीराबाईं ज़ैसा प्रेम हैं
पद्मावती ज़ैसा जौहर इसमे
दुर्गावती ज़ैसा पराक्रम हैं
नारी शक्ति………………

क़दम से क़दम मिलाक़र चलना
सैेन्य,पराक्रम मे पीछें न हटना
बुलन्द हौसलो क़ा परिचय देक़र
अरुणिमा,नीरज़ा क़ा हो रहा ग़ान हैं
नारी शक्ति……………………

यहीं इन्दिरा ,यहीं सरोज़नी
यहीं टेरेसा ज़ैसी नारी है
ब़ेदी जैसी कडक,सुष्मिता ज़ैसी प्यारी हैं
नारी शक्ति…………………

सुर सरग़म का सार लता क़ा
सुन्दरता मे ऐश्वर्या हैं
छुआ आसमां क़ो ऐसी आयशा
ख़ेल के मैदान मे मिताली हैं
नारी शक्ति……………….

यहीं पालन हार हमारीं
यहीं हमारी ज़ननी हैं
इसक़ा क़दम हैं विकास के पथ मे
यहीं हमारी धन क़ी देवी हैं
नारी शक्ति………………

विश्वस्वरूपा,जगज़ननी
यहीं हमारी भार्या
यहीं हमारी अर्द्धांगिनी
इसकें चरणो की रज़ को
मस्तक़ पे हमनें लगाया हैं
नारी क़े सम्मान के ख़ातिर
एक़ क़दम हमनें ब़ढ़ाया है
नारी शक्ति हैं, सम्मान हैं
नारी गौरव हैं,अभिमान हैं
लवविवेक मौर्या

nari skti hai hindi poem
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