नाव तेज रफ्तार चली
लहरों पर होकर सवार चली
इस पार से बही उस पार चली,
ये नाव तेज रफ्तार चली |
दिनु- मीनू बैठे इसमें
किट्टू-बिट्टू बैठे इसमें,
सोनू-मोनू को उतार चली
दोनों हाथों में है चप्पू
नाव चला रहा है पप्पू,
छप-छप की छपकार चली
ये नाव तेज रफ्तार चली
बीच धार में पहुंच चुकी है
काली बदली कोई झुकी है,
बारिश मूसलाधार चली है
ये नाव तेज रफ्तार चली
बूंदा-बांदी रोके चाहे
तूफा-आंधी रोके चाहे
चलना जीवन आधार चली
ये नाव तेज रफ्तार चली
naav tej rftar chli hindi poem