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naav tej rftar chli hindi poem

naav tej rftar chli hindi poem

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नाव तेज रफ्तार चली

लहरों पर होकर सवार चली
इस पार से बही उस पार चली,
ये नाव तेज रफ्तार चली |

दिनु- मीनू बैठे इसमें
किट्टू-बिट्टू बैठे इसमें,
सोनू-मोनू को उतार चली

दोनों हाथों में है चप्पू
नाव चला रहा है पप्पू,
छप-छप की छपकार चली
ये नाव तेज रफ्तार चली

बीच धार में पहुंच चुकी है
काली बदली कोई झुकी है,
बारिश मूसलाधार चली है
ये नाव तेज रफ्तार चली

बूंदा-बांदी रोके चाहे
तूफा-आंधी रोके चाहे
चलना जीवन आधार चली
ये नाव तेज रफ्तार चली

naav tej rftar chli hindi poem
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