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mere andar hindi poem

mere andar hindi poem

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मेरे अन्दर
एक जानवर है
जो मेरे
अन्दर के आदमी को
सताता है
धमकाता है
और डराए रखता है

फिर भी कई बार
मेरे अन्दर का आदमी
उस दरिंदे की
ज़रूरत महसूस करता है।

जंगल में रहना
मुश्किल है शायद
जानवर हुए बिना!

mere andar hindi poem
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