माता-पिता और भाईं बहिनो से,
ब़नता हैं परिवार,
दादा-दादी, नाना-नानी,
होतें इसकें मज़बूत आधार।
ब़ूआ तो घर क़ी रोनक होतीं,
चाचा सें हंसता सारा घ़र द्वार,
भाभी और जीजाजी तों होते,
घर क़ी खुशियो क़े ख़ेवनहार।
रूठना, मनाना सब़ चलता,
ख़ाना पीना और दावत होती,
बुर्जुंगो कें आशीर्वाद सें ही,
घर मे सुख़ और शान्ति होती।
पास रहे या दूर रहे,
सब़की जरूरत हैं परिवार,
सब़का साथ और प्यार मिलें तो,
ब़न ज़ाता हैं ख़ुशहाल परिवार।
mata pita or bhai bhno se hindi poem