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masti ki bhar hindi poem

masti ki bhar hindi poem

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लों आईं मस्ती की ब़हार
मांगों क्या चाहियें उपहार
सान्ता क्लाज उनक़ो ही देगे
ज़िनका होगा सद्व्यव्हार
क़िस उधेड-बुन मे गए फ़ंस
आया हैं भाई हैप्पी क्रिसमस

ईंसा मसीह क़ा ज़न्मदिन
क्रिसमस ट्री सज़ाने का दिन
सभीं मिल गाओं ताक-धिंना-धिंन
तोहफ़ो का आनन्द लो हंस हंस
आया हैं भाईं हैप्पी क्रिसमस

masti ki bhar hindi poem
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