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lal rkt se dhra nhai hindi poem

lal rkt se dhra nhai hindi poem

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लाल रक्त से धरा नहाई,

श्वेत नभ पर लालिमा छायी,

आजादी के नव उद्घोष पे,

सबने वीरो की गाथा गायी,

गाँधी ,नेहरु ,पटेल , सुभाष की,

ध्वनि चारो और है छायी,

भगत , राजगुरु और , सुखदेव की

क़ुरबानी से आँखे भर आई,

ऐ भारत माता तुझसे अनोखी

और अद्भुत माँ न हमने पाय ,

हमारे रगों में तेरे क़र्ज़ की,

एक एक बूँद समायी

माथे पर है बांधे कफ़न

और तेरी रक्षा की कसम है खायी,

सरहद पे खड़े रहकर

आजादी की रीत निभाई !

lal rkt se dhra nhai hindi poem
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