• +91 99920-48455
  • a2zsolutionco@gmail.com
lakho me hjaro me hindi poem

lakho me hjaro me hindi poem

  • By Admin
  • 3
  • Comments (04)

लाखों में हजारों में मेरी एक प्यारी बहना हो ।
भाई को प्यार करने वाली एक बहना हो ।।

बड़ी हो तो मां बाप की डांट से बचाने वाली ।
छोटी हो तो हमारे पीठ पीछे छुपने वाली ।।

बड़ी हो तो चुपचाप हमारी पॉकेट में पैसे रखने वाली ।
छोटी हो तो चुपचाप पैसे निकाल लेने वाली ।।

छोटी हो या बड़ी छोटी-छोटी बातों पर लड़ने वाली ।
लाखों में हजारों में मेरी एक प्यारी बहना हो ।।

बड़ी हो तो गलती पर हमारे कान खींचने वाली ।
छोटी हो तुम अपनी गलती पर सॉरी भैया कहने वाली ।।

खुद से ज्यादा हमें प्यार करने वाली ।
लाखों में हजारों में मेरी एक प्यारी बहना हो ।।

lakho me hjaro me hindi poem
  • Share This:

Related Posts