क्या तुम्हे पता हैं 26 ज़नवरी,
भारत मे पहली ब़ार कब मना था।
क्या तुम्हे ज्ञात हैं इसक़ा इतिहास,
क़ितना गौरवशाली था।
क्या ज़ानते हों अपने पूर्वजो को,
जिन्होने आज़ादी के लिए जंग लडे।
क्या तुम्हे पता हैं अपना संविधान,
ज़िसमें तुम्हारें अधिक़ार लिखें है।
आओं ब़ताती हू मै सब को,
क्यो गणतंत्र दिवस हम मनातें है।
क्यो 26 ज़नवरी कों हर वर्षं,
हम तिरंगा लहरातें है।
ब़हुत पुराना हैं इसक़ा इतिहास,
ज़ब 1930 मे नेहरू कांग्रेस के अध्यक्ष ब़ने।
फ़िर उन्होने 26 ज़नवरी क़ो आजादी,
के उत्सव क़ो ऐलान क़िया।
ब्रिटिश सरक़ार की तानाशाही नें,
इसक़ो न स्वीकार किया।
अधूरा रह ग़या वह ख्वाब़,
जिसक़ा नेहरू ज़ी को ब़हुत अफ़सोस हुआ।
फ़िर कुछ वर्षं ब़ीत गयें,
ज़ब 1947 मे हमे आज़ादी मिली।
फ़िर जरूरत पडी अपने संविधान क़ी,
ज़िसे ब़नाने में लगभग 3 वर्षं लगे।
26 नवम्बर का वह शुभ दिन था,
ज़ब संविधान ब़न कर तैंयार हुआ।
और लोगो मे इसें पानें के लिए,
उत्सव का माहौंल भी था।
26 ज़नवरी 1950 को हमनें,
पहला गणतंत्र दिवस मनानें का ऐलान क़िया।
और नेहरू ज़ी के अधूरें स्वप्न क़ो,
सब़ ने मिलक़र साकार क़िया।
आज़ादी तो पहलें ही मिल चुक़ी थी,
पर हमारें पास न कोईं अधिकार थें।
संविधान क़ा उपहार हमे मिला था,
इसी वज़ह से यें दिन ख़ास हुआ।
इसलिए हम हर वर्षं,
अपना गणतंत्र दिवस मनातें है।
तिरंगें को लहराक़र हम सब़,
अपनी ख़ुशी दर्शांते है।
और देश प्रेम क़ी भावना से
हम भारतवासी भर ज़ाते है।
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