कुछ कहना था,
तुने सुना ही नहीं।
हाथ बढ़ाया तो था,
तुने थामा ही नहीं।
तेरे संग चलना था,
तु रुका ही नहीं।
तेरे खातिर ही तो हमने अपने रास्ते बदले थे ना,
पर तुने तो देखा तक नहीं।
तेरे साथ ही तो चाहा था अपना नाम जोड़ना,
पर तु तो मेरा कभी था ही नहीं।।💔
kuch khna tha hindi poem