कुहू कुहू कोयल है गाती,
सबको मीठे राग सुनाती।
कौआ कहता कांव-कांव,
तुम भी आना मेरे गांव।
कहे कबूतर गुटुर-गुटुर गूं,
चलो खेलते, छुपा-छुपा छू।
टांय-टांय तोता कहता है,
लाल-हरी मिर्ची खाता है।
ची-ची-ची चिड़िया है चहकी,
सुबह हो गई सबको कहती।
koyal hai gati hindi poem