कौन सिखाता है चिड़ियों को,
ची ची ची ची करना ?
कौन सिखाता फुदक फुदक कर,-
उनको चलना फिरना ?
कौन सिखाता फुर्र से उड़ना,
दाने चुग-चुग खाना ?
कौन सिखाता तिनके ला ला,
कर घोंसले बनाना ?
कुदरत का यह खेल वही,
हम सबको, सब कुछ देती,
किन्तु नहीं बदले में हमसे,
वह कुछ भी है लेती ||
kon sikhata hai chidiyo ko hindi poem