किट किट दांत बजाने वाली,
आई सर्दी आई।
भाग गये सब पतले चादर,
निकली लाल रजाई।
दादा, दादी, नाना, नानी,
सब सर्दी से डरते।
धूप सेंकते, आग तापते,
फिर भी रोज ठिठुरते।
कोट पहन कर मोटे वाला,
पापा दफ्तर जाते।
पहने टोपा, बांधे मफ्लर,
सर्दी से घबराते।
मम्मी जी की हालत पतली,
उल्टी चक्की चलती।
हाथ पैर सब ठन्डे ठन्डे,
मुँह से भाप निकलती।
लेकिन हमसब छोटे बच्चे,
कभी नहीं घबराते।
मस्ती करते हैं सर्दी में,
दिन भर मौज मनाते।
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