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khun ka rishta hindi poem

khun ka rishta hindi poem

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रिश्ता खून का नहीं,
अपनेपन का होता है,
परिवार कहने से नहीं,
निभाने से होता है।
अनजानों की भीड़ में,
बेगानों से रिश्ता जोड़ लिया,
प्यार मिला इतना कि घर से दूर,
एक नया परिवार ढूंढ लिया।
नौबत यह है कि दुनिया हैरान-सी रह जाती है,
खुशकिस्मती देख मेरी जली-भुनी-सी रह जाती है।

khun ka rishta hindi poem
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