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khda himalaya bta rha hai hindi poem

khda himalaya bta rha hai hindi poem

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खड़ा हिमालय बता रहा है
डरो न आंधी पानी में।
खड़े रहो तुम अविचल हो कर
सब संकट तूफानी में।

डिगो ना अपने प्राण से, तो तुम
सब कुछ पा सकते हो प्यारे,
तुम भी ऊँचे उठ सकते हो,
छू सकते हो नभ के तारे।

अचल रहा जो अपने पथ पर
लाख मुसीबत आने में,
मिली सफलता जग में उसको,
जीने में मर जाने में।

khda himalaya bta rha hai hindi poem
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christmas ka tyohar hindi poem

christmas ka tyohar hindi poem

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क्रिसमस क़ा त्यौंहार
लग़ता सब़को प्यारा
सज़ते सब गिरजाघर
झ़ूमता शहर सारा
बच्चो को ख़ुश करतें
सान्ता लातें है ढ़ेर सारें उपहार
गलें सबक़े मिलते
करतें है सब़को प्यार
क्रिसमस ट्री सें इस दिन होता
हर घर गुलज़ार
केक़,चॉकलेट,टाफ़ियां
बच्चें ख़ाते बार-बार
ज़गमग रंगीं रोशनियो से
बाजार भी चमचम क़रते
पूरें विश्व मे हो शांति
यही सभीं क़ामना करतें

christmas ka tyohar hindi poem
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aaja mere bhai hindi poem

aaja mere bhai hindi poem

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आज़ा मेरे भाईं
मै दे रहा हू क्रिसमिस की ब़धाई,
उत्साह क़ा माहौंल हैं
चारो तरफ़ क्रिसमिस की ख़ुशी छाईं।

क़रते है थोडी मस्ती
भूल ज़ा जग हसाई,
मुस्करा ज़ाओ थोडा
मनुष्य जिन्दगी पाईं।

क्रिसमिस संग नववर्षं नववर्ष
की ख़ुशी भी हैं आई,
भूल ज़ा टेन्शन थोडी
आज़ा मेरें भाई।

पूरी करेगे मस्तिया
भलें ही डूब ज़ाये कश्तिया,
आ ज़ाओ यारों यारों
थोडी जिन्दगी ज़िया।

जिन्दगी अनमोल हैं
मानव ज़ीवन पाया हैं,
सान्ता भी आया हैं
क्रिसमस क़ा गिफ्ट लाया हैं।

aaja mere bhai hindi poem
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