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jo tumse dur chla gya hindi poem

jo tumse dur chla gya hindi poem

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जो तुमसे दूर चला गया हैं, उसके लिए क्यों आँसू बहाना
जो अतीत का पन्ना हैं, उसके लिए क्यों अपना वर्तमान गवाना,
जो जब वो बेगाना हैं, उसके लिए क्यों खुद को दिन रात रुलाना,
पर अब वो किसी और के संग हैं, अब वो किसी और की दिल की उमंग हैं
तुम्हारी अच्छाई बहुत अच्छी लगती हैं,
तुम्हारी बुराई बहुत बुरी लगती हैं,
तुम्हारे सौ झूट के आगे हमें तुम्हारी एक बात सच्ची लगाती हैं.
तुम एक बार माफ़ी मांगो,
हम अपने आंसू भुला देते हैं,
दूसरी बार मांगो तो तुम्हारे संग चले आते हैं
हमारी खुद की बाते हमें गलत लगाती हैं,
तुम्हारी सौ गलत बातें भी आंखिर हमें अच्छी लगाती हैं,
तुमसे बिछड कर जीने के लिए जिंदगी कब तैयार हुई
सिर्फ़ जुदा होने के ख्याल से आँखे नाम हो जाती हैं.

jo tumse dur chla gya hindi poem
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