जंग़ल अपनें आप उगेगे
पेड फ़ल फूल बढ़ेगे
कोयल कूकें मैंना गायें,
हरियाली फैलाओं
आओ हमे पर्यावरण ब़चाना है।
पेड़ो पर पशु पक्षीं रहतें
पत्तें घास है ख़ाते चरतें
घर न इनकें कभी उजाडो,
कभीं न इन्हे सताओं।
आओ हमे पर्यावरण ब़चाना है।
jangal apne aap ugenge hindi poem