जब भी घड़ी की सुइयां, रात बारह पे आई
किसी मित्र ने केक कटा, मोमबत्तियां बुझाई
अपने अंदाज़ में हमने दी बधाई
हैप्पी बर्थ डे टू यू तो सभी गाते
हमने कविता गाई
जो खासो ख़ास के लिए लिखी
आज आप से साँझा कर रहे
मेरे शब्द मेरे भाव मेरी बधाइयाँ
और किसी के काम आ जाए तो क्या बुराइयाँ
आज जैसे ही सुई बारह बजाएगी
गम भूल जाएंगे
बत्तीसी दिखाएंगे
jab bhi ghdi ki suiya hindi poem