• +91 99920-48455
  • a2zsolutionco@gmail.com
hari bhari dhrti hindi poem

hari bhari dhrti hindi poem

  • By Admin
  • 3
  • Comments (04)

हरी भरी धरती हो
नीला आसमान रहे
फहराता तिरँगा,
चाँद तारों के समान रहे।
त्याग शूर वीरता
महानता का मंत्र है
मेरा यह देश
एक अभिनव गणतंत्र है

शांति अमन चैन रहे,
खुशहाली छाये
बच्चों को बूढों को
सबको हर्षाये

हम सबके चेहरो पर
फैली मुस्कान रहे
फहराता तिरँगा चाँद
तारों के समान रहे।

hari bhari dhrti hindi poem
  • Share This:

Related Posts