हम वींर सपूत भारत मां के,
तूफ़ान उठा देगें।
भारत मां की रक्षा के ख़ातिर,
दिल जान लूटा देगे।
छाती इसक़ी हैं वतन हमारा।
माटीं इसक़ी हैं तिलक़ हमारा।
इस माटीं की ख़ातिर हम सब़,
ख़ुद की पहचान मिटा देगे।
हम वींर सपूत भारत मां के,
तूफ़ान उठा देगे।
भारत मां की रक्षा की ख़ातिर,
दिल जान लूटा देगे।
क़श्मीर इसका हैं चमन हमारा।
भारत मां कें मस्तिष्क़ का तारा।
इसकी ख़ातिर हम अपनें जीवन क़ा,
हर सुख़ चैन श्रृगार मिटा देगे।
हम वीर सपूत भारत मां कें,
तूफान उठा देगे।
भारत मां की रक्षा की ख़ातिर,
दिल जान लूटा देगे।
ham veer saput bharat maa k hindi poem