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geet ki ghnti bj rhi hai hindi poem

geet ki ghnti bj rhi hai hindi poem

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गीत की घन्टी बज़ रहीं हैं,
साल ख़त्म हो रहा हैं,
पर उससें पहलें 25 दिसम्बर,
क्रिसमस आ रहा हैं,
क्रिसमस ट्री लाएगे उसें सजाएगे,
ऊंची डाली पर तारा लगाएगे,
अच्छें बच्चें बनेगे सांता याद करेगें,
तौहफ़े लाएगे हाथ मिलाएगें,
क्रिसमस आ रहा हैं,
समस प्यार क़ा उत्सव हैं,
चादू कर देता हैं मन को छूं लेता हैं,
प्यार सें भर देता हैं।

geet ki ghnti bj rhi hai hindi poem
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