चेहरे पे थी प्यारी सी मुस्कुराहट मासूमियत से आबाद साज जब देखा उसे मैं पहली बार तब हुआ मुझे ये एहसास… फूलों सी खिलती आयी यूँ चलती खड़ी हुई वो मेरे पास जब मिला उसे मैं पहली बार तब हुआ मुझे ये एहसास… होंठो से निकली वो मधुर अल्फाज कुछ तो बात थी उनमें खास जब सुना उन्हें मैं पहली बार तब हुआ मुझे ये एहसास… धड़कनें तेज़ी से बढ़ने लगी खोने लगे मेरे होशो आवाज मैंने जब पूछा तो दिल ने कहा जनाब! मोहब्बत है ये एहसास…
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