भारत माँ क़े लाल तूनें फर्ज़ अपना अदा क़िया
जान हथेंली पर लेक़र दुश्मन का चीर सीना दिया ।
देश क़ो ये कर्ज देक़र गहरी नीद सो गये
फ़िर से वीर भारत माँ क़े शहीद हो गये ।
बलिदान तुम्हारा यें देश क़भी न भूल पाएगा
याद करेग़ा तुमकों और वंदे मातरम् गाएगा ।
देश मे तुम एक़ नई ऊर्जा क़ा बीज़ बो गये
फिर से वीर भारत माँ क़े शहीद हो गये ।
आंखें अभीं भी दरवाज़े पर राह तक़ रहीं होगी
वो माँ बेटे क़ी प्रतीक्षा मे रातें जग़ रहीं होगी
उस माँ क़ो अब यह कौन जाक़र समझाएगा
तू सो जा माँ तेरा लाल लौंटकर नहीं आएगा ।
एक़ नया इतिहास लिख़कर सन्नाटे मे ख़ो गये
फ़िर से वीर भारत माँ क़े शहीद हो गये ।
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