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ek muskan hindi poem

ek muskan hindi poem

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एक मुस्कान ही उदास चेहरे को
महकाती और जीना आसान
कर सकती है लेकिन
मानव इसमें भी कंजूसी करता,
अपने दौलतमंद होने के अंहकार
से भरा अपने को बड़ा समझता,
सामान्य रूप से मिलने वाली
खुशी से वंचित रहता वो,
जबकि एक हंसी ही तो है
जो जीवन की बगिया में
रंग- बिरंगे फूलों की फुलवारी
सजाता और खुशी को महकाती,
सपनों की इंद्रधनुषी छटा
क्षितिज पर लहराती,
जिसे देख कर मन मयूर
खुशी से नाच उठता ।
हंसने- मुस्कुराने के बहाने भी
बहुत हैं हमारे चारों ओर
आकाश में टिमटिमाते असंख्य
तारों को देख कर आंसुओं से
भरी आँखें भी मुस्कुरा जाती,
चांद की शीतल बरसती
दूधिया चांदनी धरती के
कण कण को नहलाती,
ये क्षीर सागर का रूप- सौंदर्य
कभी मानव जीवन को चौंकाती,
तो कभी खुशियों की चांदनी फैलाती सारी उदासियाँ,
छूमंतर कर देती ।
ये घटते बढ़ते चंद्रमा के रूप
हमें सबक सिखाने के लिए
बहुत बहुत प्रेरणादायी बनते,
अंहकार मुक्त होने का अवसर देते ।
जिंदगी में उतार- चढ़ाव आते रहते ।
जिंदगी में आंख- मिचौली
चलती रहती इसी तरह ।।

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