धरती माँ कर रही है पुकार । पेङ लगाओ यहाँ भरमार ।। वर्षा के होयेंगे तब अरमान । अन्न पैदा होगा भरमार ।। खूशहाली आयेगी देश में । किसान हल चलायेगा खेत में ।। वृक्ष लगाओ वृक्ष बचाओ । हरियाली लाओ देश में ।। सभी अपने-अपने दिल में सोच लो । सभी दस-दस वृक्ष खेत में रोप दो ।। बारिस होगी फिर तेज । मरू प्रदेश का फिर बदलेगा वेश ।। रेत के धोरे मिट जायेंगे । हरियाली राजस्थान मे दिखायेंगे ।। दुनियां देख करेगी विचार । राजस्थान पानी से होगा रिचार्ज ।। पानी की कमी नही आयेगी । धरती माँ फसल खूब सिंचायेगी ।। खाने को होगा अन्न । किसान हो जायेगा धन्य ।। एक बार फिर कहता है मेरा मन । हम सब धरती माँ को पेङ लगाकर करते है टनाटन ।। “जय धरती माँ”
dhrti maa hindi poem