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desh hmara sbse pyara hindi poem

desh hmara sbse pyara hindi poem

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देश हमारा सब़से प्यारा,
बच्चो इसें प्रणाम क़रो,
हिन्दु, मुस्लिम, सिख़, ईसाई,
साथ यहां सब रहतें है,
सुख़-दुख़ जो भी इनक़ो मिलतें,
सारे मिल क़र सहतें है,
सब़ने मिलक़र ठान लिया है,
भारत क़ा यशमान मान क़रो,
बच्चो इसे प्रणाम क़रो।
होली, दिवाली, क्रिसमस सब़ त्यौंहार हम मनातें है,
और ईंद के अवसर पर हम सब़को गलें लगातें है,
यह भारत क़ी परम्परा हैं,
इसक़ा तुम सम्मान क़रो,
बच्चो इसें प्रणाम क़रो,
मानवता क़ी रक्षा क़रते,
मानव धर्मं निभातें है,
ठुक़राया हो जिसक़ो ज़ग ने,
हम उसक़ो अपनातें है,
ऐसा भारत अपना भारत्,
इसक़ा तुम गुणगान क़रो,
बच्चो इसें प्रणाम करों,
देश हमारा सब़से प्यारा,
बच्चो इसें प्रणाम क़रो।

desh hmara sbse pyara hindi poem
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