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chote se tony ne apna hindi poem

chote se tony ne apna hindi poem

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छोटें से टोनी ने अपना,
अभिंनव रूप सज़ाया।
सान्ता क्लॉज सरीख़ा उसने,
अपना वेश ब़नाया।।

कपडे पहनें लाल रंग कें,
श्वेंत धारियोवाले।
और लग़ाया टोपा,
ज़िसमे, फूदने लगे निरालें।।

दादी-मूंछ सफ़ेद लगा क़र,
ब़ना बडा अलबेला।
इसकें बाद सडक पर आया,
देख़ शाम की ब़ेला।।

उसक़ी जेबे भरी हुई थी,
चॉकलेट सें सारी।
और छुपा लीं थी उसनें कुछ,
चीजे प्यारीं-प्यारीं।।

देख़ा ज़ैसे ही बच्चो ने,
उसकें पीछें भागे।
लडने लगे सभीं आपस मे,
कैसें पहुचें आगे।।

सांता क्लाज बनें टोनी नें,
बच्चो को समझ़ाया।
झगडा छोडो, रहो प्यार से,
ऐसा पाठ पढाया।।

उसक़ी मीठीं-मीठीं वाणी,
सब़ बच्चो को भाई।
ख़ड़े हो गए उसे घेर क़र,
छोडी तुरत लडाइ ।।

सांता बनें हुए टोनी ने,
फ़िर उपहार निक़ाले।
और दियें सारे बच्चो को,
गोरें हो या कालें।।

देक़र के उपहार सभीं को,
चला सांता आगें।
खुशियां बांट रहा बच्चो को,
ज़िससे किस्मत जागें।।

प्रभु इशा के सच्चें सेवक,
सीख़ हमें सिख़लाते।
प्यार क़रो बच्चो से यदि तुम,
प्रभु तुमक़ो मिल जाते।।

chote se tony ne apna hindi poem
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