भगवान कि मुझ पर ज़रूर कृपा दृष्टि रही होगी तभी तो उन्होंने आप जैसी बहन भेंट स्वरूप दी होगी बहुत सीधा एवं सरल है आपका स्वभाव जिंदगी में नहीं जिसके कोई अभाव मेहनत, लगन से करते हैं आप हर काम इसलिए तो लेते हैं आप का सब नाम आपकी खूबसूरती के सभी यहां कायल है आंखें और जुल्फों के तो न जाने कितने घायल है आपने सदैव मेरी हिम्मत है बांधी तभी तो आज मैंने यह सफलता है थामी जब भी जरूरत रहे अपनी बहन को याद रखना जिंदगी की दो राहों में मुझे कभी मत भूलना मैं आपके साथ नहीं होकर भी आपके साथ रहूंगी आपके जीवन की एक शुभचिंतक बनूंगी हर जनम बहन के रूप में मुझे आप ही मिले आपका प्यार सदैव मेरे जीवन में खिले आपके जन्मदिन पर ईश्वर से करती हूं यह प्रार्थना हमेशा जीवन में साथ रहे ‘रूपल’ और ‘भावना’।
bhgwan ki mujh pr hindi poem